nirali

nirali a society for social welfare

welcome friends

यह ब्लॉग खोजें

पृष्ठ

कुल पेज दृश्य

लोकप्रिय पोस्ट

मंगलवार, 8 जून 2010

आवेदन फार्म

NIRALI A SOCIETY FOR SOCIAL WELFARE
कार्यालय-28/16 ,गली नंबर 13 ,60फुट रोड़ विश्वास नगर दिल्ली-32, Ph .9811850548



दिनांक - पत्र संख्या-

कार्यकर्ता का नाम- ...................................पद........................
जन्म तिथि-..........................................................................
पिता का नाम-......................................................................
घर का पता-..........................................................................
..........................................................................................
ऑफिस का पता- ....................................................................
...........................................................................................
ब्लड ग्रुप..............................................................................
क्या जिम्मेदारी दी गयी है........................................................
.........................................................................................
.........................................................................................



स्थान-दिल्ली (गोपाल राजपूत करण)
अध्यक्ष





---------------------------------------------------------------------------
समाज और देश हमे बहुत कुछ देता है आइए हम भी देश और समाज के लिए कुछ करें

गुरुवार, 24 दिसंबर 2009

निराली

निराली संस्था बनाने का हमारा उद्देश्य यह है कि हमें समाज बहुत कुछ देता है तो हम भी अपनी जिम्मेदारी निभाते हुए समाज को कुछ दे ॥मुख्य रुप से हम इस संस्था में गरीब कन्याओं के विवाह ग्रामीण अंचलो में छोटे रोजगार को प्रोत्साहित करने और दिल्ली जैसे महानगरों में शिक्षित बेरोजगारों को कैसे उनके लायक काम दिया जाए इस संबंध में कार्य करते है
इसके अलावा हमारे अन्य उदेश्य इस प्रकार है...

संस्था के नियम व उपनियम
1.संस्था के नियम व उपनियम:-
(a)-संस्था का नाम :- निराली
(b)-सदस्यता-भारतीय या विदेशी कोई भी व्यक्ति(पुरुष या महिला)संस्था का सदस्य बन सकता है धर्म ,जाति या लिंग के आधार पर सदस्यता के लिए कोई बंदिश नही होगी ।सदस्य से तात्पर्य होगा आम सदस्य,कार्यकारिणी में चुने जाने के लिए सदस्य को संस्था का चुनाव लड़ना होगा ।कार्यकारिणी सदस्यों के सहयोग से संस्था का संचालन करेगी एवं साधारण सदस्य संस्था के कार्यों को विविवत रुप से क्रियांवन में मदद करेगें.सदस्य को चुनाव में वोट देने का अधिकार होगा (यदि किसी कारण से वो अयोग्य न ठहराया गया हो)सदस्य आम सभा में हिस्सा लेकर किसी भी मामले पर अपना मत व्यक्त कर सकते है सदस्य मत विभाजन की स्थिति में अपने मत का प्रयोग कर सकेंगे ।
(c) सदस्यता के लिए योग्यताएं
(1)कोई भी व्यक्ति (पुरुष या महिला) जिसकी आयु 18 वर्ष से अधिक हो वह संस्था का सदस्य बन सकता है
(2)-वह किसी प्रकार से नैतिक दोषी न हो तथा किसी अपराध में न्यायालय से किसी प्रकार दण्डित न किया गया हो ।
(3)-संस्था के उद्देश्यों में अपनी पूर्ण आस्था रखता हो तथा नियम व उपनियम का पालन करने को वचनबद्ध हो।
(4)-देशहित व सामाजिक कार्य करने का जज्ब़ा रखता हो।
(d)सदस्यता शुल्क:- साधारण सदस्य बनने के लिए सदस्य शुल्क100/-(सौ रुपये)सालाना है।जो नियत समय पर संस्था में जमा कराना आवश्यक होगा।
(e)अपील एवं संस्था में पुन: प्रवेश :-सदस्य किसी भी प्रकार की अपील कार्यकारिणी के समक्ष रख सकेंगे अगर कार्यकारिणी में अपील पर किसी प्रकार कि निर्णय नही निकल पाता है तो अपील को आम सभा में रखा जाएगा और 2/3 उपस्थित सदस्यों की अनुपति के बाद निरस्त या स्वीकार किया जाएगा ।
(e-1)यदि किसी कारण से सदस्य को संस्था की सदस्यता से वंचित किया गया है और जिस कारण से उसे संस्था से वंचित किया गया हो अगर सदस्य उस शंका का विवाद का निवारण कर देता है और कार्यकारिणी उसके जबाब से संतुष्ट होती है तो सदस्य को संस्था में पुन प्रवेश दिया जाएगा।
(f)सदस्यता के फायदे और अधिकार :-संस्था का सदस्य बनने के बाद सदस्य को संस्था की आम सभा की बैठकों में भाग लेने का अधिकार होगा।सदस्य अगर अयोग्य घोषित नही किया गया हो तो संस्था की कार्यकारिणी का चुनाव लड़ सकेगा।संस्था की भलाई के कार्यों में उसको सलाह देने का अधिकार होगा।सदस्य किसी भी प्रकार के विषय जिसमें संस्था समाज की भलाई के लिए आगे आ कर कार्य कर सकती हो उसकी जानकारी और सूचना कार्यकारिणी को दे सकता है ।संस्था का सदस्य बनने के बाद सदस्य को समाज की भलाई के लिए काम करने का अवसर तो प्राप्त होगा ही साथ ही समाज की भलाई से संबधित मुद्दे पर उसको साथ देने के लिए संस्था सदैव तैयार रहेगी।
2.कार्यकारिणी :-कार्यकारिणी ही संस्था के सभी कार्यों के लिए उत्तरदायी होगी..वहीं संस्था के नियम उपनियम अन्य सदस्यों की मदद से बनाने को अधिकृत होगी,कार्यकारिणी की अनुमति और सहमति के बिना कोई प्रस्ताव पास नही माना जाएगा ।
कार्यकारिणी के पद और संख्या इस प्रकार होगी ।
1- अध्यक्ष एक
2-उपाध्यक्ष एक
3-महासचिव एक
4-सचिव एक
5-कोषाध्यक्ष एक
6-सदस्य अधिकतम 16(सोलह)
(2-क) संस्था की कार्यकारिणी के पदाधिकारियों के अधिकार एवं कर्तव्य -
कार्यकारिणी सभा किसी भी मुद्दे को हल करने के लिए सलाहकार बोर्ड का गठन करने के लिए अधिकृत है,कार्यकारिणी किसी भी पदाधिकारी या कार्यकारिणी के सदस्य को इस सलाहकार बोर्ड का अध्यक्ष/प्रधान नियुक्त कर सकती है ।राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली में यथा प्रभावी संस्था पंजीकरण अधिनियम 1860 की धारा 6 के अधीन उल्लेखित उपबंधों के अनुसार संस्था अध्यक्ष या महासचिव के नाम से मुकदमा चला सकती है ।
अन्य पदाधिकारी के अधिकार और कर्तव्य इस प्रकार होगें:-
अध्यक्ष :-
(क) साधारण सभा और संस्था की कार्यकारिणी की बैठकों की अध्यक्षता करेगा और कार्य सुचारु रुप से चलाने के आदेश देगा ।
(ख) संस्था के सभी कार्यों एवं सदस्यों के हितों की रक्षा का दायित्व अध्यक्ष का होगा
(ग) किसी भी मतदान की सूरत में यदि मत बराबर रहते है तो अध्यक्ष को निर्णयक मत देने का अधिकार होगा ।
(घ) अध्यक्ष कार्यकारिणी की बैठक बुलाकर संस्था के कार्य को सुचारु रुप से चलाने के लिए राष्ट्रीय ,प्रदेश ,जिला और ब्लॉक स्तर पर अस्थाई नियुक्ति का अधिकार होगा ।
(च)आवश्यकता पड़ने पर संस्था के कार्य हेतु पचास हजार रुपये मात्र तक खर्च करने का अधिकार होगा ।
(छ)कार्यकारिणी का कोई भी निर्णय बिना अध्यक्ष की अनुमति और सहमति के बिना लागू नही माना जाएगा ।
उपाध्यक्ष :-
अध्यक्ष की अनुमति से अध्यक्ष की अनुपस्थिति में उनके कार्यक्रमों को पूरा करेगा और उनको अपना पूरा सहयोग करेगा ।अध्यक्ष द्वारा दी गई जिम्मेदारी व कार्यों को करेगा ।
महासचिव :-
(क) कार्यकारिणी की साधारण सभा एवं कार्यकारिणी की बैठकों को बुलाना ,कार्यवाही करना ,लिखना,नियमों को क्रियान्वित करना,करवाना,हर किस्म के पत्र व्यवहार करना और प्रत्येक कार्य को सुचारु रुप से चलाना ।
(ख)बार्षिक विवरण तैयार करके साधारण सभा में प्रस्तुत करना ।
(ग)समस्त सदस्यों का विरवण रखना,आवश्यकता पड़ने पर संस्था के कार्य करने के लिए 10000रुपये (दस हजार रुपये मात्र) तक की व्यय करने का अधिकार,इससे अधिक व्यय के लिए कार्यकारिणी की अनुमति लेना अनिवार्य होगा ।
सचिव :-
महासचिव की अनुपस्थिति में सभी बैठकों का आयोजन और संचालन करना ,बैठकों के आय़ोजन में सदस्यों को एकत्रित करना तथा मीटिंग सम्मेलनों का कार्यभार की जिम्मेदारी,अध्यक्ष और महासचिव द्वारा दिये गये कार्यों का निष्पादन करना ।
कोषाध्यक्ष :-
(क)यह समिति का आय-व्यय का हिसाब किताब सुचारु रुप से रखेगा ।
(ख)अध्यक्ष,महासचिव,कार्यकारिणी द्वारा सभी बिलों का भुगतान रसीद लेकर करेगें ।
(ग)चंदा इकट्ठा करने का मुख्य दायित्व कोषाध्यक्ष का होगा ।
(घ)आवश्यकता पड़ने पर समिति के कार्य के हेतु रुपये दस हजार तक व्यय कर सकेंगे ।इससे अधिक खर्च के लिए कार्यकारिणी की अनुमति लेना अनिवार्य होगा ।
सदस्य :-
(क) समिति के उद्देश्यों की पूर्ति के लिए प्रस्ताव प्रस्तुत करना ।
(ग)बैठकों के संचालन में सहयोग करना ।
(घ)पारित प्रस्तावों के अनुसार संस्था के कार्यों के क्रियात्मक सहयोग देना ।
(2-ख)बैठक के लिए नोटिस एवं मीटिंग का समय:-
(1)संस्था की कार्यकारिणी की बैठक एक माह में एक बार होनी अनिवार्य होगी।इसके लिए सात दिन पहले सदस्यों को सूचना देनी जरुरी होगी ।आपातकाल बैठक तुरंत बुलाई जा सकेगी ।
(2)आम सभा की बैठक साल एक बार होनी अनिवार्य होगी हालांकि किसी जरुरी विषय पर आमसभा की बैठक कभी भी बुलाई जा सकेगी।बैठक के लिए सदस्यों को उचित माध्यम से दस दिन पहले सूचना देनी जरुरी होगी।
3.मैनेजिंग कमेटी/कार्यकारिणी/एक्जीक्यूटिव कमेटी :-
(3-क)मैनेजिंग कमेटी/कार्यकारिणी/एक्जीक्यूटिव कमेटी से तात्पर्य कार्यकारिणी से होगा ।कार्यकारिणी ही संस्था के सभी कार्यों के लिए उत्तरदायी होगी..वहीं संस्था के नियम उपनियम अन्य सदस्यों की मदद से बनाने को अधिकृत होगी,कार्यकारिणी की अनुमति और सहमति के बिना कोई प्रस्ताव पास नही माना जाएगा ।
(3-ख)कार्यकारिणी के न्यूनतम एवं अधिकतम सदस्य:-
कार्यकारिणी में कुल 21 सदस्य होगें जिनमें से पांच सदस्य अध्यक्ष, उपाध्यक्ष ,महासचिव
सचिव और कोषाध्यक्ष चुनाव लड़कर कार्यकारिणी में आएगें और शेष 16 सदस्यों की नियुक्ति कार्यकारिणी करेगी ।
(3-ग)संरचना:-संस्था की संरचना इस प्रकार होगी।पांच सदस्य (अध्यक्ष, उपाध्यक्ष ,महासचिव,सचिव और कोषाध्यक्ष )चुन कर आएगें सोलह सदस्यों का चुनाव कार्यकारिणी करेगी और सदस्य बनने के लिए सदस्य बनने की योग्यता पूरी करनी होगी ।अध्यक्ष,उपाध्यक्ष,महासचिव,सचिव और कोषाध्यक्ष की पद संख्यां एक होगी इसके अलावा कार्यकारिणी में 16 सदस्य होगें..पहले पांच पदों की संख्या तब तक कोई बदलाव नही किया जा सकेगा जब तक की आम सभा के 2/3 सदस्य इसकी अनुमति ना दे ।हालांकि कार्यकारिणी यदि संस्था के लिए आवश्यक समझे तो पांच और अस्थाई सदस्यों की नियुक्ति कर सकती है लेकिन उनका कार्यकाल एक साल से ज्यादा नही होगा अस्थायी सदस्यों का कार्यकाल आगे बढ़ाने के लिए पांच निर्वाचित सदस्यों के अलावा 16 सदस्यों यानि संपूर्ण कार्यकारिणी के पांच में से तीन सदस्यों की अनुमति आवश्यक होगी ।अस्थाई सदस्यों का कार्यकाल केवल एक बार एक साल के लिए ही बढाया जा सकेगा ।
(घ)चुनाव :-
1-संस्था का चुनाव हर पांच साल बाद होगा ।
2-चुनाव संस्था के पांच पद अध्यक्ष,उपाध्यक्ष,महासचिव,सचिव और कोषाध्यक्ष के लिए होगा,सदस्यों की नियुक्ति का अधिकार
चुनी गयी कार्यकारिणी के पदाधिकारियों को होगा ।
3-चुनाव का संचालन एक कार्यसमिति करेगी जिसमें संस्था से संबधित पूरे भारत में राज्य के अध्यक्ष सदस्य होगे ।
4-सदस्य चुनाव के दिन स्वयं या पत्र या ईमेल ,एसएमएस के माध्यम से मत कर सकेंगे ।
5.संस्था का कोई भी व्यक्ति 11 प्रस्तावकों की सहमति के साथ चुनाव लड़ सकेंगा ।
6-चुनाव में नामांकन के लिए कार्यकारिणी जो शुल्क निर्धारित करेगी (अधिकतम पांच सौ रुपये) वो शुल्क सदस्य को नामांकन फार्म के साथ जमा कराना होगा।
7-एक सदस्य एक ही पद के लिए चुनाव लड़ सकता है ।
8-चुनाव में मत देने का अधिकार उसी सदस्य को होगा जिसके पास संस्था का पहचान पत्र और मतदाताओं की लिस्ट में नाम होगा ।
9-चुनाव लड़ने से पहले सदस्य को संस्था का बकाया (यदि कोई हो)चुकाना होगा ।कोषाध्यक्ष की अनुमति के बाद ही नामांकन स्वीकार किया जाएगा ।
(3-च)-कार्यकारिणी का कार्यकाल :-
कार्यकाल-संस्था की कार्यकारिणी का कार्यकाल पांच बर्ष का होगा..आपात स्थिति में इसे केवल एक साल के लिए ही आगे बढ़ाया जा सकेगा और इसके लिए आम सभा के 2/3 सदस्यों की अनुमति अनिवार्य होगी किसी भी हालत में कार्यकाल इससे ज्यादा नही बढ़ाया जा सकेगा।कार्यकारिणी के 16 सदस्य जिनकों कार्यकारिणी नियुक्त करेगी उनका कार्यकाल भी पांच साल के लिए होगा सदस्यों में से किसी को अय़ोग्य पाए जाने पर कार्यकारिणी को सदस्य को हटाने का अधिकार होगा लेकिन इसके लिए पांच में से तीन सदस्यों की अनुमति आवश्यक होगी यहीं नियम अस्थाई सदस्यों पर लागू होगा ।अस्थाई सदस्यों का कार्यकाल एक साल का होगा इसे केवल कार्यकारिणी की अनुमति से केवल एक साल के लिए ही और बढ़ाया जा सकेगा ।
(3-छ)कार्यालय में कार्यरत कर्मचारियों की शक्तियां:-
कार्यकारिणी की मदद के लिए कार्यालय में जिन स्टॉफ की नियुक्ति होगी उनको स्वतंत्र रुप से कोई अधिकार नही होगा वे कार्यकारिणी के आदेश और संस्था के नियमों के मुताबिक कार्य करेंगे।
(3-ड)कोरम एवं बैठक के लिए नोटिस :-
कार्यकारिणी की बैठक महिने में एक बार हुआ करेगी जिसके लिए सात दिन पहले पदाधिकारियों को नोटिस जारी किया जाएगा नोटिस जारी करने का कार्य सचिव का होगा।कार्यकारिणी की बैठक में कार्यवाही के लिए 2/3 सदस्यों का कोरम होना आवश्यक होगा।इससे कम सदस्यों की उपस्थिति में कोई प्रस्ताव पास नही किया जाएगा।आम सभा की साल में एक बार बैठक होगी जिसकी सूचना सदस्यों को दस दिन पहले दी जाएगी कोरम के लिए 2/3 सदस्यों का सभा में उपस्थित होना जरुरी होगा ..इससे कम सदस्यों की उपस्थिति में किसी अपील पर विचार नही होगा और बैठक दस दिन बाद फिर बुलाई जाएगी दस दिन बाद की बैठक में कोरम की अनिवार्यता लागू नही होगी यहीं कार्यकारिणी की बैठक पर भी लागू होगा।
(3-थ)अस्थायी नियुक्तियां:-
कार्यालय के लिए या संस्था से संबधित किसी व्यक्ति या उप -संस्था की नियुक्ति की आवश्यकता पड़ती है तो कार्यकारिणी अध्यक्ष की अनुमति से नियुक्ति करेगी।.दिल्ली से बाहर नियुक्ति के लिए राज्यों के अध्यक्ष नियुक्ति करेंगे लेकिन इसकी पूर्व सूचना कार्यकारिणी को देंगे ।बिना कार्यकारिणी की अनुमति के कोई भी नियुक्ति वैध नही मानी जाएगी।
4-उपसंस्था या शाखा :-
कार्यकारिणी सभा संस्था के उद्देश्यों की पूर्ति के लिए संस्था की शाखा या उपशाखा(भारत या विदेश में )का गठन कर सकेगी संस्था के राज्यों के अध्यक्ष कार्यकारिणी की अनुमति के बाद की किसी शाखा या उपशाखा (केवल अपने राज्य में ) का गठन कर सकेंगे।
5-आय का स्रोत :-
(क)चंदे के द्वारा ।
(ख)सदस्यता शुल्क द्वारा ।
(ग)भारत सरकार,समाज और अन्य के अनुदान द्वारा ।
(घ)संस्था यदि सदस्यों के लिए मकान इत्यादी बनाती है तो उससे होने वाले मुनाफे के द्वारा।
(च)न्यूज पेपर या मैगजीन निकालकर
6-ऑडिट :लेखा परीक्षक -
संस्था के बार्षिक या तिमाही जैसा भी कानून के मुताबिक हो संस्था हिसाब किताब को ऑडिट करवाकर साधारण सभा में प्रस्तुत करेगी ।ऑडिटर की नियुक्ति कार्यकारिणी करेगी ।वित्तीय वर्ष एक अप्रैल से 31 मार्च तक होगा ।
7-संस्था के बैंक अकाउंट का परिचालन:-
संस्था के धन की सुरक्षा हेतु संस्था के नाम से एक खाता किसी राष्ट्रीयकृत बैंक में खोला जाएगा ..धन निकासी के लिए केवल अध्यक्ष और कोषाध्यक्ष के ही हस्ताक्षर के बाद पैसा निकाला जा सकेगा ।
8-कार्यकारिणी की वार्षिक सूची: धारा 4-
हर वर्ष के बाद कार्यकारिणी सदस्यों व पदाधिकारियों की सूची ,नाम ,पता और सोसाइटी,पंजीकरण अधिनियम 1860 की धारा -4 के अनुसार रजिस्ट्रार ऑफ सोसाइटीज दिल्ली में जमा की जाएगी
9-न्यायालय संबंधी विषय :-धारा 8
यदि न्यायालय में कोई मुकदमा आदि दायर करना पड़ा तो वह संस्था के नाम ही दायर किया जाएगा और संस्था के नाम से मुकदमा दायर करने अथवा कार्यवाही करने का अधिकार केवल अध्यक्ष और महासचिव को होगा ।जो कि संस्था पंजीकरण अधिनियम 1860 धारा 5 के अनुसार होगा
10-नियम एवं उपनियम में संशोधन धारा-12 एवं 12 ए
किसी भी नियम एवं उपनियम में संशोधन यदि अनिवार्य हुआ तो उसे कार्यकारिणी ही करेगी..और इसकी पुष्टि आम सभा करेगी यह संस्था पंजीकरण अधिनियम 1860 की धारा 12 और 12 ए के अनुसार होगा ।
11-विघटन धारा -13 एवं 14
कार्यकारिणी और साधारण सभा के 2/3प्रतिशत सदस्यों के बहुमत से ही इस संस्था को विघटित किया जा सकेगा ।जो कि समिति पंजीकरण अधिनियम 1860 की धारा 13 के अनुसार होगा ।
(11-ए)-निपटान धारा-14
उपरोक्त अनुसार संस्था का विघटन होने के पश्चात उसकी चल अचल संपत्ति को सदस्यों में नही बांटा जाएगा अपितु संस्था पंजीकरण अधिनियम 1860 की धारा 14 के अनुसार 75प्रतिशत सदस्यों के बहुमत से उसे समान उद्देश्यों वाली संस्था को दान के रुप में दे दिया जाएगा ।
12-अधिनियम को लागू करना :-
संस्था पंजीकरण अधिनियम 1860 पंजाब संशोधन अधिनियम 1957 जैसा की संघराज्य क्षेत्र दिल्ली में है वे समस्त इस संस्था पर लागू होंगे ।
13-अनिवार्य प्रमाण पत्र
प्रमाणित किया जाता है कि ये समिति के नियमों एवं उप-नियमों की सही प्रति है


हस्ताक्षर
अध्यक्ष महासचिव कोषाध्यक्ष
--------------------------------समाप्त-----------------------------------------------------


To,
The Registrar of Societies,
plot no.419,Udog Sadan
Patparganj ,industrial Area,
Delhi-110092
Sub-Regarding the Registration of the society named "NIRALI"
Sir,
I the undersinged applicant am submitting herewith the neccessary
documents in respect of registration of the NIRALI society
such as:-
1.Memorandum of Regulation (in duplicate).
2.Rule and Regulation (in duplicate).
3.Affidavit of No-relationship.
4.Affidavit / N.O.C. regarding to use the premises for the registered
office of the said society.
5.Proof of Possession & ownership of the property.
6.Proof of Address of the member.
IT IS THEREFORE,requested that the above named society may
please be registred under the society ,Registration Act of 1860 ,
as applicable to the all india basis.

Thanking you, Your Faithfully
PLACE-DELHI ( PRESIDENT )
DATE-



(President ) (General Secretary) (Treasurer)
Gopal Rajput Karan Prashant gupta suresh kumar
संस्था के नियम व उपनियम
संस्था के नियम व उपनियम:-
संस्था का नाम :- " निराली "
(i)-सदस्यता-शपथ पत्र में उल्लेखित सभी सदस्य,कार्यकारणी के सभी सदस्य और वो हर व्यक्ति जो संस्था के नियमों और उद्देश्यों को मानता हो और जिसे की कार्यकारिणी सदस्य के रुप में स्वीकार करें,वो संस्था का सदस्य बन सकता है..धर्म ,जाति या लिंग के आधार पर सदस्यता के लिए कोई बंदिश नही होगी ।अन्य योग्यताएं इस प्रकार होगी:-
(1)कोई भी व्यक्ति (पुरुष या महिला) जिसकी आयु 18 वर्ष से अधिक हो वह संस्था का सदस्य बन सकता है
(2)-वह किसी प्रकार से नैतिक दोषी न हो तथा किसी अपराध में न्यायालय से किसी प्रकार दण्डित न किया गया हो ।
(3)-संस्था के उद्देश्यों में अपनी पूर्ण आस्था रखता हो तथा नियम व उपनियम का पालन करने को वचनबद्ध हो।
(4)-देशहित व सामाजिक कार्य करने का जज्ब़ा रखता हो।
(ii)सदस्यता शुल्क:- साधारण सदस्य बनने के लिए सदस्य शुल्क10/-(दस रुपये)सालाना है।जो नियत समय पर संस्था में जमा कराना आवश्यक होगा।
(iii)सदस्यता सीज़ होना:- किसी भी सदस्य की सदस्यता मत्यु,अयोग्य पाए जाने पर,नैतिक आचरण का दोषी पाए जाने पर,या
फिर छुट्टी के लिए प्रार्थना पत्र दिए बगैर लगातार तीन बैठकों से अनुपस्थित रहने पर,या कार्यकारिणी के ग्यारह में से छह पदाधिकारी सदस्य के व्यवहार से संतुष्ट ना हो,पागल होने की दशा में ,संस्था के उद्देश्यों अथवा हितों के खिलाफ कार्य करते पाए जाने पर,या फिर सदस्य के रुप में उससे जिस कार्य की अपेक्षा ना हो,इन दशाओं में कार्यकारिणी सदस्यता सीज़ करने का अधिकार रखती है।

अध्यक्ष महासचिव कोषाध्यक्ष
गोपाल राजपूत करण प्रशांत गुप्ता सुरेश कुमार
(iv)सदस्यता रद्द होना :-संस्था की कार्यकारिणी किसी भी व्यक्ति ,सदस्य की उपरोक्त कारणों से सदस्यता रद्द कर सकती है..कार्यकारिणी सदस्य की सदस्यता रद्द करने का रिकार्ड अपने पास रखेगी।
संस्था की कार्यकारिणी:-
(i) संस्था को सुचारु रुप से चलाने के एक कार्यकारिणी का गठन किया जाएगा..कार्यकारिणी में सदस्यों की न्यूनतम और स्थायी संख्या 11 पदाधिकारी और कार्यकारिणी द्वारा नियुक्त सदस्यों की संख्या 16 से अधिक नही होगी..पदाधिकारियों को चुनने के लिए गुप्त मतदान प्रणाली का प्रयोग किया जाएगा।
चुनाव :-
1-संस्था का चुनाव हर पांच साल बाद होगा ।
2-चुनाव संस्था के छह पद अध्यक्ष(एक),उपाध्यक्ष(तीन),महासचिव(दो),सचिव (चार) और कोषाध्यक्ष के एक पद के लिए होगा,सदस्यों की नियुक्ति का अधिकार चुनी गयी कार्यकारिणी के पदाधिकारियों को होगा ।
3-चुनाव का संचालन एक चुनाव कार्यसमिति करेगी जिसमें संस्था से संबधित पूरे भारत में राज्य के अध्यक्ष सदस्य होगे ।
4-सदस्य चुनाव के दिन स्वयं या पत्र या ईमेल ,एसएमएस के माध्यम से मत कर सकेंगे ।
5.संस्था का कोई भी व्यक्ति 11 प्रस्तावकों की सहमति के साथ चुनाव लड़ सकेंगा ।
6-चुनाव में नामांकन के लिए कार्यकारिणी जो शुल्क निर्धारित करेगी (अधिकतम पांच सौ रुपये) वो शुल्क सदस्य को नामांकन फार्म के साथ जमा कराना होगा।
7-एक सदस्य एक ही पद के लिए चुनाव लड़ सकता है ।
8-चुनाव में मत देने का अधिकार उसी सदस्य को होगा जिसके पास संस्था का पहचान पत्र और मतदाताओं की लिस्ट में नाम होगा ।
9-चुनाव लड़ने से पहले सदस्य को संस्था का बकाया (यदि कोई हो)चुकाना होगा ।कोषाध्यक्ष की अनुमति के बाद ही नामांकन स्वीकार किया जाएगा ।

अध्यक्ष महासचिव कोषाध्यक्ष
गोपाल राजपूत करण प्रशांत गुप्ता सुरेश कुमार
(ii)-कार्यकारिणी के सदस्यों का कार्यकाल:-
कार्यकारिणी के सभी पदाधिकारी पांच साल के लिए चुनें जाएगें..कार्यकाल उनके निर्वाचित होने के तिथि से शुरु होगा।चुने गये पदाधिकारी को पुन नियुक्त किया जा सकेगा ..कार्यकारिणी किसी पदाधिकारी को उसका कार्यकाल खत्म होने बाद अगले पदाधिकारी के निर्वाचन होने तक अपने पद पर बने रहने को मंजूरी दे सकती है इसके अलावा आपात स्थिति में कार्यकारिणी का कार्यकाल आगे बढ़ाया जा सकता है लेकिन इसे केवल एक साल के लिए ही आगे बढ़ाया जा सकेगा और इसके लिए आम सभा के 2/3 सदस्यों की अनुमति अनिवार्य होगी किसी भी हालत में कार्यकाल इससे ज्यादा नही बढ़ाया जा सकेगा।कार्यकारिणी के 16 सदस्य जिनकों कार्यकारिणी नियुक्त करेगी उनका कार्यकाल भी पांच साल के लिए होगा सदस्यों में से किसी को अय़ोग्य पाए जाने पर कार्यकारिणी को सदस्य को हटाने का अधिकार होगा लेकिन इसके लिए ग्यारह में से छह सदस्यों की अनुमति आवश्यक होगी यहीं नियम अस्थाई सदस्यों पर लागू होगा।अस्थाई सदस्यों का कार्यकाल एक साल का होगा इसे केवल कार्यकारिणी की अनुमति से केवल एक साल के लिए ही और बढ़ाया जा सकेगा ।
(iii)-कार्यकारिणी में रिक्तियां:-अगर किसी कारण से कार्यकारिणी का कोई सदस्य अपने पद से इस्तीफा दे देता है ,या किसी सदस्य की मत्यु हो जाती है,सदस्यता निलंबित होने की दशा में ,या किसी अन्य कारण के कार्यकारिणी का कोई पद खाली होता है तो कार्यकारिणी में संतुलन बनाए रखने के लिए कार्यकारिणी नॉमिनेशन के जरिए उस पद को भर सकती है।
(iv)-कार्यकारिणी की शक्तियां :-विधिक शक्तियों को छोड़कर कार्यकारिणी के पास संस्था को सुचारु रुप से चलाने और संस्था के उद्देश्यों की पूर्ती के लिए कार्यकारिणी के पास असीमित शक्तियां होगी।
(a) कार्यकारिणी संस्था के धन को सुरक्षित रखने के लिए किसी बैंक या संस्थान में संस्था के नाम से एक अकाउंट खोल सकती है..और संस्था के दो सदस्य अध्यक्ष और कोषाध्यक्ष इस अकाउंट का परिचालन करेगें।
अध्यक्ष महासचिव कोषाध्यक्ष
गोपाल राजपूत करण प्रशांत गुप्ता सुरेश कुमार
(b) संस्था के कार्यों के लिए धन जारी करना या संस्था के उद्देश्यों से मेल खाती संस्थाओं को मदद करना।
(c) संस्था का वो धन जिसकी अभी तुरंत आवश्यकता नही हो संस्था के लाभ के लिए कार्यकारिणी उस धन का कहीं निवेश कर सकती है।
(d) सोसाईटी के उद्देश्यों को पूरा करने के लिए कार्यकारिणी किसी बैंक अथवा संस्थान से लोन ले सकती है ..या सोसाईटी की संपत्ति को गिरवी रख सकती है।
(e) कार्यकारिणी किसी भी श्रेणी के कर्मचारियों की संस्था के लिए नियुक्तियां कर सकती है या कर्मचारियों को निकाल सकती है
किसी भी प्रकार की नियुक्ती के लिए नियम बना सकती या किसी नियम को रद्द कर सकती है
(f) कार्यकारिणी सभा संस्था के उद्देश्यों की पूर्ति के लिए संस्था की शाखा या उपशाखा(भारत या विदेश में )का गठन कर सकेगी संस्था के राज्यों के अध्यक्ष कार्यकारिणी की अनुमति के बाद की किसी शाखा या उपशाखा (केवल अपने राज्य में ) का गठन कर सकेंगे। ..और संस्था के किसी सदस्य को उसकी जिम्मेदारी दे सकती है कार्यकारिणी की मदद के लिए कार्यालय में जिन स्टॉफ की नियुक्ति होगी उनको स्वतंत्र रुप से कोई अधिकार नही होगा वे कार्यकारिणी के आदेश और संस्था के नियमों के मुताबिक कार्य करेंगे।
(g)अस्थायी नियुक्तियां:-कार्यालय के लिए या संस्था से संबधित किसी व्यक्ति या उप -संस्था की नियुक्ति की आवश्यकता पड़ती है तो कार्यकारिणी अध्यक्ष की अनुमति से नियुक्ति करेगी।.दिल्ली से बाहर नियुक्ति के लिए राज्यों के अध्यक्ष नियुक्ति करेंगे लेकिन इसकी पूर्व सूचना कार्यकारिणी को देंगे ।बिना कार्यकारिणी की अनुमति के कोई भी नियुक्ति वैध नही मानी जाएगी।




अध्यक्ष महासचिव कोषाध्यक्ष
गोपाल राजपूत करण प्रशांत गुप्ता सुरेश कुमार
(h)आय का स्रोत :-
(क)चंदे के द्वारा ।
(ख)सदस्यता शुल्क द्वारा ।
(ग)भारत सरकार,समाज और अन्य के अनुदान द्वारा ।
(घ)संस्था यदि सदस्य/अन्य के लिए मकान इत्यादी बनाती है तो उससे होने वाले मुनाफे के द्वारा।
(च)न्यूज पेपर या मैगजीन निकालकर
(छ)धर्मशाला से दान या शुल्क के रुप में।
(v) कार्यकारिणी के सदस्यों की बैठक:-संस्था की कार्यकारिणी की बैठक एक माह में एक बार होनी अनिवार्य होगी।इसके लिए सात दिन पहले सदस्यों को सूचना देनी जरुरी होगी ।आपातकाल बैठक तुरंत बुलाई जा सकेगी ।या किसी बैठक के लिए कार्यकारिणी के तीन सदस्य मांग करें।
(vi)बैठक के लिए नोटिस :-
कार्यकारिणी की बैठक के लिए सदस्यों को सात दिन पहले सूचना देनी अनिवार्य होगी।लेकिन आपात या अन्य किसी जरुरी स्थिति में अध्यक्ष कार्यकारिणी की बैठक तुरंत करने की इजाजत दे सकता है
(vii) मीटिंग के लिए कोरम:-कार्यकारिणी के बैठक के लिए एक तिहाई सदस्यों का बैठक में उपस्थित होना जरुरी होगा।
(viii)निर्णय:- कार्यकारिणी में बहुमत के आधार पर निर्णय पारित माने जाएगें..प्रत्येक सदस्य का एक वोट होगा अगर मामला टाई रहता है तो उस स्थिति में अध्यक्ष को निर्णायक मत करने का अधिकार होगा।
(ix)प्रस्ताव पारित होना- कोई भी प्रस्ताव कार्यकारिणी में बहुमत के आधार पर पारित होगा और प्रस्ताव पर अंतिम स्वीकृति अध्यक्ष की होगी।अध्यक्ष की अनुमति और सहमति के बिना कोई प्रस्ताव पास नही माना जाएगा।पास प्रस्ताव पूरे भारत में संस्था पर लागू होगा।
अध्यक्ष महासचिव कोषाध्यक्ष
गोपाल राजपूत करण प्रशांत गुप्ता सुरेश कुमार
3.संस्था के पदाधिकारी:-
संस्था में पदाधिकारियों के पद और संख्या इस प्रकार होगी ।
1- अध्यक्ष एक
2-उपाध्यक्ष तीन
3-महासचिव दो
4-सचिव चार
6-कोषाध्यक्ष एक
7-सदस्य अधिकतम 16(सोलह)
(4) संस्था का अध्यक्ष ही कार्यकारिणी का अध्यक्ष और संस्था का सर्वेसर्वा होगा।संस्था के सभी पदाधिकारी संस्था की आम सभा में चुने जाएगें।
(5)संस्था के पदाधिकारी जैसा की पैरा 3 में दर्शाए गये है उनके कार्य और शक्तियां इस प्रकार होंगी।
(6)अध्यक्ष :-
(क) साधारण सभा और संस्था की कार्यकारिणी की बैठकों की अध्यक्षता करेगा और कार्य सुचारु रुप से चलाने के आदेश देगा ।
(ख) किसी भी मतदान की सूरत में यदि मत बराबर रहते है तो अध्यक्ष को निर्णयक मत देने का अधिकार होगा ।
(ग)संस्था के अन्य पदाधिकारियों के कार्यों की समीक्षा देखरेख करेगा।
(घ) अध्यक्ष को कार्यकारिणी की बैठक बुलाकर संस्था के कार्य को सुचारु रुप से चलाने के लिए राष्ट्रीय ,प्रदेश ,जिला और ब्लॉक स्तर पर अस्थाई नियुक्ति का अधिकार होगा ।
(च)आवश्यकता पड़ने पर संस्था के कार्य हेतु पचास हजार रुपये मात्र तक खर्च करने का अधिकार होगा ।
(छ)कार्यकारिणी का कोई भी निर्णय बिना अध्यक्ष की अनुमति और सहमति के बिना लागू नही माना जाएगा ।


अध्यक्ष महासचिव कोषाध्यक्ष
गोपाल राजपूत करण प्रशांत गुप्ता सुरेश कुमार
(6-i)उपाध्यक्ष :-
अध्यक्ष की अनुमति से अध्यक्ष की अनुपस्थिति में उनके कार्यक्रमों को पूरा करेगा और उनको अपना पूरा सहयोग करेगा ।अध्यक्ष द्वारा दी गई जिम्मेदारी व कार्यों को करेगा ।
(7)महासचिव :-
(क) महासचिव संस्था का प्रतिनिधित्व करेगा और पब्लिक रिलेशन ऑफिसर और प्रवक्ता की भूमिका का भी निर्वाहन करेगा।
(ख)महासचिव सभी तरह के रिकार्ड,सदस्यों से संबधित जानकारी और बैठकों के मिनिट्स लिखेगा और उनका रिकार्ड रखेगा।
(ग)कार्यकारिणी की साधारण सभा एवं कार्यकारिणी की बैठकों को बुलाना ,कार्यवाही करना ,लिखना,नियमों को क्रियान्वित करना,करवाना,हर किस्म के पत्र व्यवहार करना और प्रत्येक कार्य को सुचारु रुप से चलाना ।
(च)बार्षिक विवरण तैयार करके साधारण सभा में प्रस्तुत करना ।
(छ)आवश्यकता पड़ने पर संस्था के कार्य करने के लिए 5000पांच हजार रुपये (पांच हजार रुपये मात्र) तक की व्यय करने का अधिकार,इससे अधिक व्यय के लिए कार्यकारिणी की अनुमति लेना अनिवार्य होगा । इसके अलावा महासचिव उन सभी कार्यो का निर्वहन करेगा जो अध्यक्ष अथवा कार्यकारिणी द्वारा दिए जाएगें।
(7-i)सचिव :-
महासचिव की अनुपस्थिति में सभी बैठकों का आयोजन और संचालन करना ,बैठकों के आय़ोजन में सदस्यों को एकत्रित करना तथा मीटिंग सम्मेलनों का कार्यभार की जिम्मेदारी,अध्यक्ष और महासचिव द्वारा दिये गये कार्यों का निष्पादन करना ।
(8)कोषाध्यक्ष :-
(क)यह समिति का आय-व्यय का हिसाब किताब सुचारु रुप से रखेगा ।
(ख)अध्यक्ष,महासचिव,कार्यकारिणी द्वारा सभी बिलों का भुगतान रसीद लेकर करेगें ।
(ग)चंदा इकट्ठा करने का मुख्य दायित्व कोषाध्यक्ष का होगा ।
(घ)आवश्यकता पड़ने पर समिति के कार्य के हेतु रुपये पांच हजार तक व्यय कर सकेंगे ।इससे अधिक खर्च के लिए कार्यकारिणी की अनुमति लेना अनिवार्य होगा ।
अध्यक्ष महासचिव कोषाध्यक्ष
गोपाल राजपूत करण प्रशांत गुप्ता सुरेश कुमार
(9) वित्तिय वर्ष- एक अप्रैल से 31मार्च तक वित्तिय वर्ष मानकर संस्था का अकाउंट तैयार किया जाएगा।
(10) ऑडिट-संस्था का बार्षिक अकाउंट का ऑडिट एक चार्टड अकाउंटेंट द्वारा किया जाएगा जिसे संस्था संस्था के चार्टड अकाउंट रुप में नियुक्त करेगी।
(11)संस्था की आम सभा- संस्था के सभी सदस्यों को मिलाकर एक आमसभा गठित होगी .आमसभा की बैठक एक साल में एक बार होनी आवश्यक होगी..जिसका कोरम दो तिहाई सदस्य होंगे।बैठक को भंग करने के लिए किसी कोरम की आवश्यकता नही होगी।सात दिन के नोटिस पर आमसभा की आपातकालीन बैठक 3/4 सदस्यों के लिखित आग्रह पर भी बुलाई जा सकेगी।बार्षिक बैठक के लिए नोटिस सूचना का समय दस दिन होगा। आम सभा में निम्नलिखित कार्य निपटाए जा सकेंगे।
(i) आम सभा में संस्था के लिए बार्षिक कार्यक्रम और नीतियां तय होगीं।
(ii)उन सभी विषयों पर विचार जिनसें संस्था का सीधे या अप्रयत्क्ष तौर पर जुड़ी होगी...
(iii)संस्था का बार्षिक बजट तय करना।
(iv)संस्था के बार्षिक ऑडिट के लिए एक योग्य ऑडिटर की नियुक्ति करना।
(v)उन सभी विषयों पर विचार करना जो कि कार्यकारिणी द्वारा लाए गये हो।
12.असाधारण बैठक- आम सभा की किसी असाधारण या आपात बैठक में कोरम की अनिवार्यता लागू नही होगी।
13-संस्था के जो नियम कार्यकारिणी पर लागू होगें वो ज्यों के त्यों आम सभा पर भी लागू होंगे।
14-कार्यकारिणी की वार्षिक सूची: धारा 4- हर वर्ष के बाद कार्यकारिणी सदस्यों व पदाधिकारियों की सूची ,नाम ,पता और सोसाइटी,पंजीकरण अधिनियम 1860 की धारा -4 के अनुसार रजिस्ट्रार ऑफ सोसाइटीज दिल्ली में जमा की जाएगी



अध्यक्ष महासचिव कोषाध्यक्ष
गोपाल राजपूत करण प्रशांत गुप्ता सुरेश कुमार
15-नियम एवं उपनियम में संशोधन धारा-12 एवं 12 ए- किसी भी नियम एवं उपनियम में संशोधन यदि अनिवार्य हुआ तो उसे कार्यकारिणी ही करेगी..और इसकी पुष्टि आम सभा करेगी यह संस्था पंजीकरण अधिनियम 1860 की धारा 12 और 12 ए के अनुसार होगा ।
16-न्यायालय संबंधी विषय :-धारा 6-यदि न्यायालय में कोई मुकदमा आदि दायर करना पड़ा तो वह संस्था के नाम ही दायर किया जाएगा और संस्था के नाम से मुकदमा दायर करने अधिकार केवल अध्यक्ष और महासचिव को होगा ।जो कि संस्था पंजीकरण अधिनियम 1860 धारा 6के अनुसार होगा
17-आय का स्थानांतरण नही- संस्था की सभी तरह की चल-अचल संपत्ति केवल संस्था के उद्देश्यों को पूरा करने के कार्य में ही प्रयोग की जाएगी।जैसा की शपथ पत्र में उद्देश्य दर्शाए गये है..संस्था की संपत्ति या संपत्ति का कोई हिस्सा संस्था के पूर्व या वर्तमान सदस्य या पदाधिकारी को प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रुप से ट्रांसफर नही किया जा सकेगा।संस्था का पूर्व या वर्तमान कोई भी सदस्य संस्था की किसी भी प्रकार की चल अचल संपत्ति पर किसी भी प्रकार का दावा नही कर सकता।
18-विघटन धारा -13 एवं 14-कार्यकारिणी और साधारण सभा के 2/3प्रतिशत सदस्यों के बहुमत से ही इस संस्था को विघटित किया जा सकेगा ।जो कि समिति पंजीकरण अधिनियम 1860 की धारा 13 और 14 के अनुसार होगा ।
19-कार्यकारिणी का कोई भी सदस्य संस्था के लिए किये गये किसी भी प्रशासनिक किसी निर्णय,फंड,संपत्ति या क्षति के लिए उत्तरदायी नही होगा बशर्ते कि ये क्षति किसी अनहोनी के चलते हुई हो।
20-अधिनियम को लागू करना :-संस्था पंजीकरण अधिनियम 1860 के सभी अधिनियम और नियम जैसा की एक्ट 21 में हैं और
जैसा की संघराज्य क्षेत्र दिल्ली में लागू है वे समस्त इस संस्था पर लागू होंगे ।
अध्यक्ष महासचिव कोषाध्यक्ष
गोपाल राजपूत करण प्रशांत गुप्ता सुरेश कुमार
21-निपटान धारा-14-उपरोक्त अनुसार संस्था का विघटन होने के पश्चात उसकी चल अचल संपत्ति को सदस्यों में नही बांटा जाएगा अपितु संस्था पंजीकरण अधिनियम 1860 की धारा 14 के अनुसार 75प्रतिशत सदस्यों के बहुमत से उसे समान उद्देश्यों वाली संस्था को दान के रुप में दे दिया जाएगा ।
हम संस्था की कार्यकारिणी के अध्यक्ष,महासचिव और कोषाध्यक्ष प्रमाणित करते है कि ये संस्था के नियमों और उपनियमों की सही प्रति है
--------------------------------------------------------------------------------------------------------------
अध्यक्ष महासचिव कोषाध्यक्ष
गोपाल राजपूत करण प्रशांत गुप्ता सुरेश कुमार

स्थान-दिल्ली
दिनांक-